फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 1994 में रवांडा नरसंहार में फ्रांस की भूमिका के लिए रवांडा से माफी मांगी है। इस नरसंहार में करीब आठ लाख जातीय तुतसी और उदारवादी हुतू समुदाय के लोग मारे गए थे। रवांडा की राजधानी किगाली में नरसंहार मेमोरियल पर आयोजित एक कार्यक्रम में मैक्रों ने कहा है कि फ्रांस ने नरसंहार की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया और सच्चाई की जांच को लेकर लंबे समय तक मौन बना रहा।
रवांडा के राष्ट्रपति पॉल काग्मे ने कहा कि उनके शब्द माफी से अधिक महत्वपूर्ण है। इस वर्ष मार्च में फ्रांस के विशेषज्ञों के एक आयोग ने यह पाया था कि तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांसवा मित्रां ने नरसंहार के लिए भारी जिम्मेदारी स्वीकार की थी लेकिन माफी नहीं मांगी थी