भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक, श्री अरविंद केजरीवाल, को निर्देश दिया है कि वे उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करें, जिसमें उन्होंने यह दावा किया था कि यमुना नदी के पानी में जानबूझकर जहर मिलाया गया था। आयोग ने स्पष्टीकरण मांगते हुए उनसे पूछा है कि किस प्रकार का जहर, कितनी मात्रा में और किस विधि से नदी के जल में मिलाया गया था।
श्री केजरीवाल पर यह भी अनुरोध किया गया है कि वे अपने आरोपों के बीच अमोनिया संदूषण और जहरीले पानी के दावों के मध्य अंतर को स्पष्ट करें। उन्होंने यमुना के जल में अमोनिया के स्तर को बढ़ाने की सुनियोजित कार्यवाही का आरोप लगाया है, जिसे आयोग ने गंभीरता से लिया है।
आयोग ने श्री केजरीवाल को भ्रामक और भड़काऊ बयानबाजी से बचने की भी सलाह दी है, जिससे सामाजिक अशांति उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा है कि जल की स्वच्छता और उपलब्धता शासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है और सभी सरकारों को इसे सुनिश्चित करना चाहिए कि नागरिकों को सुरक्षित और स्वच्छ पानी प्राप्त हो।
अंत में, चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्वच्छ जल की उपलब्धता शासन का एक अहम मुद्दा है और इसे सभी संबंधित सरकारों द्वारा यथासंभव समय पर निपटाना चाहिए। वे इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उचित शासनिक क्षमता और विवेक के आधार पर निर्धारित करेंगे और चुनावी अवधि के दौरान जल संसाधन साझाकरण और जल प्रदूषण जैसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।