जब विश्व को कोई समस्या आती है तो भारत समाधान के लिए आगे आता है: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बर्लिन में भारतीय समुदाय से कहा कि जब विश्व को कोई समस्या आती है तो भारत समाधान के लिए आगे आता है  उन्‍होंने कहा कि आठ वर्ष पहले दो सौ से चार सौ स्‍टार्टअप उद्यम थे जबकि आज यह संख्‍या 68 हजार तक पहुंच गई है। आज भारत में न केवल अनेक यूनिकॉर्न हैं बल्कि उनको डेकाकॉर्न में भी बदला जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अप्रैल महीने में रिकॉर्ड एक लाख 68 हजार करोड रूपये का जी एस टी संग्रह हुआ है जो एक राष्‍ट्र- एक कर की क्षमता दर्शाता है। उन्‍होंने कहा कि स्‍थानीय उत्‍पादों को बढावा देने के लिए भारत का वोकल फोर लोकल अभियान स्‍वतंत्रता संग्राम के दौरान के स्‍वदेशी आंदोलन की याद दिलाता है।
प्रधानमंत्री मोदी और जर्मनी चांसलर ओलाफ शॉल्‍ज ने भारत जर्मनी अंतर सरकारी परामर्श की भी सह अध्‍यक्षता की। इस द्विवार्षिक संवाद मंच मे दोनों देशों के कई मंत्री भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय विषयों पर भी चांसलर शॉल्‍ज से विचार विमर्श किया। व्‍यापार और सांस्‍कृतिक संबंधों को बढावा देने पर विशेष जोर दिया गया।

जर्मनी के चांसलर ने प्रधानमंत्री मोदी को जर्मनी में होने वाले जी-सात‍ शिखर सम्‍मेलन के लिए आमंत्रित किया। उनहोंने कहा कि वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था और जलवायु परिवर्तन वार्ताओं में भारत की भूमिका महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व का विकास तभी संभव है जब उसके संबंध केवल कुछ शक्तिशाली देशों से नहीं बल्कि अनेक देशों से हों।

प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर शॉल्‍ज ने हरित और सतत विकास साझेदारी के संयुक्‍त आशय घोषणा पत्र पर हस्‍ताक्षर किये। जर्मनी ने सतत विकास और जलवायु सहयोग के लिये वर्ष 2030 तक दस अरब यूरो की अतिरिक्‍त विकास सहायता की अग्रिम प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की। मंत्रिस्‍तरीय द्विपक्षीय बैठकों के दौरान कई समझौतों को अंतिम रूप दिया

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