भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को सूचित किया कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से हाल ही में लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है। एजेंसी ने बताया कि वह एक्सिओम स्पेस के साथ मिलकर पुनर्वास कार्यक्रम में सहयोग कर रही है और शुक्ला के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जा रही है।
ग्रुप कैप्टन शुक्ला 26 जून को अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले प्रथम भारतीय बने और 15 जुलाई को स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान द्वारा अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पृथ्वी पर वापस लौटे। प्रारंभिक चिकित्सा जांच में कोई गंभीर चिंता का विषय नहीं पाया गया है।
इसरो के अनुसार, “रिकवरी शिप पर प्रारंभिक स्वास्थ्य आकलन के बाद शुक्ला को हेलीकॉप्टर द्वारा मुख्य भूमि पर ले जाया गया, जहां से उन्हें सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के प्रभावों को कम करने हेतु एक सप्ताह के पुनर्वास कार्यक्रम के लिए ह्यूस्टन स्थानांतरित किया गया।”
पुनर्वास कार्यक्रम में विभिन्न चिकित्सकीय परीक्षण शामिल हैं, विशेष रूप से हृदय संबंधी, मांसपेशियों, अस्थियों का परीक्षण और मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन। इस प्रक्रिया का संचालन एक्सिओम के फ्लाइट सर्जन द्वारा किया जा रहा है, जिसमें इसरो के फ्लाइट सर्जन भी सहभागिता कर रहे हैं।
बुधवार को शुक्ला अपनी पत्नी कामना शुक्ला और 6 वर्षीय पुत्र से मिले। उन्होंने कहा, “अंतरिक्ष की यात्रा अद्भुत है, परंतु परिवार से पुनर्मिलन उतना ही महत्वपूर्ण है।” उन्होंने क्वारंटाइन के दौरान परिवार से 8 मीटर की दूरी पर रहने की चुनौतीपूर्ण अनुभूति का भी उल्लेख किया, जब उनके पुत्र को बताया गया था कि वह अपने पिता को स्पर्श नहीं कर सकता।