भारत का विकास मॉडल दुनिया के लिए आशा का संकेत: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत आज केवल एक उभरता हुआ बाजार नहीं, बल्कि एक उभरता हुआ विकास मॉडल बनकर दुनिया के सामने खड़ा है। नई दिल्ली में आयोजित छठे रामनाथ गोयनका व्याख्यान में प्रधानमंत्री ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और देश की आत्मनिर्भरता को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि जहां दुनिया अस्थिरता और संकटों से घिरी हुई है, वहीं भारत आत्मविश्वास के साथ एक उज्ज्वल भविष्य की ओर आगे बढ़ रहा है। यूरोप के 2022 के संकट और 2023 में पश्चिम एशिया की खराब स्थिति के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने मजबूत प्रदर्शन किया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि वैश्विक उतार-चढ़ाव के बावजूद इस वर्ष भारत की विकास दर लगभग 7% के आसपास बनी हुई है, जो भारत की आर्थिक स्थिरता का प्रमाण है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि 1951 के बाद राज्य में सबसे अधिक मतदान हुआ है। उन्होंने विशेष रूप से यह उल्लेख किया कि महिलाओं की भागीदारी पुरुषों की तुलना में 9% अधिक रही, जो लोकतंत्र के गहराते प्रभाव का संकेत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के लोगों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वे उन राजनीतिक दलों पर भरोसा करते हैं जो ईमानदारी से काम करते हैं, विकास को प्राथमिकता देते हैं और जनता की आकांक्षाओं को समझते हैं। उन्होंने सभी राज्यों से आग्रह किया कि बिहार के इस चुनाव परिणाम से सबक लें और अपने विकास मॉडल को मजबूत करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार ने लंबे समय तक लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में आरजेडी को मौका दिया, लेकिन राज्य विकास की बजाय अराजकता की दिशा में चला गया। उन्होंने कहा कि चाहे केंद्र में सरकार हो या राज्यों में—सबसे पहली प्राथमिकता विकास होना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्य सरकारों को बेहतर निवेश माहौल बनाना चाहिए, व्यापार सुगमता बढ़ानी चाहिए और विकास मानकों को लेकर एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से जनविश्वास बढ़ेगा और देश की प्रगति तेज होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि असली सामाजिक न्याय वही है जो गरीब, वंचित और अधिकारहीन लोगों तक वास्तविक लाभ पहुंचाए। उन्होंने बताया:

  • 12 करोड़ शौचालयों ने लोगों को सम्मान दिया।

  • 57 करोड़ जनधन खातों ने उन लोगों को आर्थिक प्रक्रिया में जोड़ा जिन्हें पहले बैंकिंग योग्य नहीं माना गया।

  • 4 करोड़ पक्के घरों ने गरीब परिवारों में नया आत्मविश्वास जगाया।

  • सामाजिक सुरक्षा का दायरा 11 वर्षों में 25 करोड़ से बढ़कर 94 करोड़ लोगों तक पहुंच गया है।

छत्तीसगढ़ के बस्तर का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वह क्षेत्र विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने पूछा कि कौन-सा देश अपनी भाषा का अपमान करता है? जापान, चीन और दक्षिण कोरिया का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इन देशों ने दुनिया की आधुनिकता अपनाई, लेकिन अपनी भाषा से समझौता नहीं किया।

उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार अंग्रेजी के खिलाफ नहीं है, परंतु भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना समय की मांग है—इसीलिए नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता दी गई है।

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