भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के युद्ध जीत के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि क्षतिग्रस्त एयरफोर्स बेस और जले हुए हैंगर को विजय चिह्न मानकर वे आनंदित हो सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने स्पष्ट किया कि भारत परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और आतंकवादियों एवं उनके प्रायोजकों के विरुद्ध कार्रवाई जारी रखेगा।
गहलोत ने पाकिस्तान की विदेश नीति को आतंकवाद-केंद्रित बताया और कहा कि हालिया घटनाक्रम इस्लामाबाद द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने की पुष्टि करता है। उन्होंने उल्लेख किया कि 25 अप्रैल को सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का बचाव किया था।
संघर्ष समाप्ति के संदर्भ में गहलोत ने बताया कि 9 मई तक पाकिस्तान भारत पर हमले की धमकी दे रहा था, परंतु 10 मई को पाकिस्तान के मिलिट्री ऑपरेशंस डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई से संघर्ष विराम का अनुरोध किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अवधि में भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी एयरबेस को नष्ट कर दिया था।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का औचित्य बताते हुए गहलोत ने कहा कि भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई की। उन्होंने बहावलपुर और मुरिदके के आतंकी ठिकानों में मारे गए आतंकवादियों का उल्लेख किया और कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा आतंकवादियों की प्रशंसा उनकी मंशा को प्रदर्शित करती है।
शरीफ के संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति की भूमिका के दावे पर गहलोत ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के मध्य मुद्दे द्विपक्षीय रूप से सुलझाए जाएंगे, जिसमें किसी तृतीय पक्ष की भूमिका अनावश्यक है।