उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा देने के लिए यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन की उत्तराधिकारी कंपनियों से अतिरिक्त 7,844 करोड़ रुपये की मांग वाली केंद्र की उपचारात्मक याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया। इस त्रासदी में 3,000 से अधिक लोग मारे गए थे और पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंचा था।
शीर्ष अदालत ने पूर्व में अदालत को दिए गए हलफनामे के संदर्भ में पीड़ितों के लिए बीमा पॉलिसी तैयार नहीं करने के लिए भी केंद्र को फटकार लगाई और इसे ‘‘घोर लापरवाही’’ करार दिया।.
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘ कल्याणकारी देश होने के नाते कमियों को दूर करने और प्रासंगिक बीमा पॉलिसियां तैयार करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार को दी गई थी। आश्चर्यजनक है कि हमें बताया गया कि ऐसी कोई बीमा पॉलिसी नहीं बनाई गई। यह भारत सरकार की घोर लापरवाही और इस न्यायालय के समीक्षा निर्णय में जारी निर्देशों का उल्लंघन है। केंद्र इस पर लापरवाही बरत कर यूसीसी की जिम्मेदारी तय करने का अनुरोध नहीं कर सकता।’’.