यमन में हवाई हमलों का असर: 53 जानें गईं, घायलों की संख्या 100 के पार

यमन की राजधानी सना और अन्य क्षेत्रों में अमेरिकी हवाई हमलों में कम से कम 53 लोगों की जान चली गई, जिनमें 5 महिलाएं और 2 बच्चे शामिल हैं। इन हमलों में 100 से अधिक लोग घायल हुए। अमेरिकी सेना ने ये हमले ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर किए, जिन पर लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय जहाजों पर लगातार हमले करने का आरोप है। हूतियों का कहना है कि वे गाजा में फिलिस्तीनियों के समर्थन में यह कार्रवाई कर रहे हैं। जवाब में, अमेरिका ने हूती ठिकानों पर बमबारी कर इन हमलों को रोकने की कोशिश की।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि हूतियों ने जहाजों पर हमले जारी रखे, तो अमेरिका और बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई करेगा। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि हूती विद्रोहियों की हमलावर क्षमता को पूरी तरह खत्म करने तक अमेरिका हमले जारी रखेगा। अमेरिका का दावा है कि इन हमलों में कई हूती नेताओं को निशाना बनाया गया और उनकी सैन्य सुविधाएं नष्ट की गईं, हालांकि मारे गए नेताओं के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए।
हूती विद्रोहियों ने इन हमलों को बर्दाश्त न करने की बात कही और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। उनका कहना है कि अगर अमेरिका तनाव बढ़ाता है, तो वे भी पीछे नहीं हटेंगे। यह तनाव लंबे समय से चला आ रहा है। जनवरी में गाजा युद्धविराम के बाद हूतियों ने हमले रोके थे, लेकिन हाल ही में उन्होंने इजरायली जहाजों को फिर से निशाना बनाने की बात कही थी।
अमेरिका की इस ताजा कार्रवाई के बाद, यदि हूती विद्रोही जवाबी हमले करते हैं, तो यमन में संघर्ष और गहरा सकता है। यह स्थिति क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बन सकती है, क्योंकि हूतियों का ईरान से संबंध और अमेरिका की सैन्य रणनीति इसे जटिल बनाते हैं। आने वाले दिनों में हालात पर नजर रखना जरूरी होगा।

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