असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं का नाम बदला जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि ‘इंडिया’ शब्द और ब्रिटिश काल से जुड़ी प्रथाएं ‘औपनिवेशिक खुमारी’ है और देश ‘नवजागरण के दौर’ में प्रवेश कर रहा है, ऐसे में इन प्रथाओं को खत्म किया जाएगा।
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ‘‘केंद्रीय बैंक का नाम ‘रिजर्व बैंक ऑफ भारत’ होना चाहिए. यह नवजागरण का दौर है। असम ने कई पुरानी विरासतें बदल दी हैं और केंद्र में भी कई बदलाव किए गए हैं। ’ उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासकों द्वारा शुरू की गई कई प्रथाएं देश में जारी हैं और उन्हें बदलने की जरूरत है।
सरमा ने कहा- ‘‘लोगों ने 75 वर्षों तक इंतजार किया कि एक मोदी आएगा और इस औपनिवेशिक खुमारी को जड़ से खत्म करेगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘नेहरू (जवाहरलाल) द्वारा किए गए किसी काम के लिए मोदी जी को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है?’’ उन्होंने ‘इंडिया’ नाम के इस्तेमाल और ‘औपनिवेशिक प्रथाओं’ को जारी रखने के स्पष्ट संदर्भ में यह बात कही।
यह इंगित करते हुए कि उच्चतम न्यायालय ने पहले फैसला सुनाया था कि इंडिया और भारत नामों का परस्पर उपयोग किया जा सकता है, शर्मा ने कहा, ‘‘चाहे वह इंडिया हो या भारत, मुझे नहीं लगता कि यह बहस का विषय है।