किसान आंदोलन के चलते बाधित दिल्ली की सड़कों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि किसी हाइवे को इस तरह स्थायी रूप से बंद नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा कि इस मामले में पहले ही स्पष्ट आदेश दिए जा चुके हैं। सरकार उसे लागू नहीं करवा पा रही।
केंद्रीय सरकार के साथ दिल्ली, हरियाणा और यूपी की राज्य सरकारों से कोर्ट ने पूछा, “आखिर राजमार्गों को कैसे अवरुद्ध किया जा सकता है? ये सब कहाँ जाकर खत्म होगा।” अदालत ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में कानून बनाए हैं और इन्हें लागू करना कर्तव्य है।
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के सिंगल मदर होने के कारण उसे नोएडा से दिल्ली की यात्रा करना दुःस्वप्न बन गया है। इसमें उन्हें 20 मिनट की जगह 2 घंटे लगते हैं और ऐसा दो हफ्तों से हो रहा है।