दिल्ली आबकारी घोटाला के सीबीआई से जुड़े मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने 10 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत देने का फैसला सुनाया।
कोर्ट ने कहा कि जमानत के दौरान केजरीवाल केस की मेरिट पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं बोलेंगे। वे ट्रायल कोर्ट में पूरा सहयोग करेंगे। कोर्ट ने कहा कि ईडी के मामले में जमानत की जो शर्तें लगाई गई थी वो सीबीआई के केस में भी लागू होगी। कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को गिरफ्तार कर सीबीआई ने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई के मामले में काफी देर से गिरफ्तारी काफी महत्वपूर्ण है।
सीएम केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल की जमानत की मांग करते हुए कहा था कि कोर्ट को केवल तीन बातों का परीक्षण करने की जरूरत है। पहला कि क्या उनके फरार होने का कोई जोखिम है। दूसरा कि क्या वो गवाहों को प्रभावित करेंगे। तीसरा कि क्या वो सुबूतों से छेड़छाड़ करेंगे। सिंघवी ने कहा था कि केजरीवाल के भाग जाने का कोई खतरा नहीं है। गवाहों को प्रभावित करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने का भी रिस्क नहीं है।
गौरतलब हो कि सीबीआई ने 26 जून को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। उसके पहले ईडी ने 21 मार्च की देर शाम अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 1 जून तक की अंतरिम जमानत देते हुए 2 जून को सरेंडर करने का आदेश दिया था। केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर कर दिया था। ईडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी