अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में 1 सितंबर की मध्यरात्रि (भारतीय समयानुसार 12:47 बजे) 6.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र जलालाबाद से लगभग 27 किलोमीटर पूर्व-उत्तरपूर्व में 8 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था।
कुनार प्राकृतिक आपदा नियंत्रण विभाग द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, नोरगुल, सुकी, वातपुर, मनुगी और चापदरा जिलों में अब तक 250 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और लगभग 500 अन्य घायल हैं। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि दूरदराज के क्षेत्रों में बचाव अभियान जारी है और अंतिम आंकड़े अभी स्पष्ट नहीं हैं।
भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसके झटके भारत के कई हिस्सों, विशेषकर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र, और पाकिस्तान में भी महसूस किए गए। हालांकि, भारत में किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है।
अफगानिस्तान का हिंदूकुश पर्वतीय क्षेत्र भूवैज्ञानिक दृष्टि से अत्यधिक सक्रिय है। रेड क्रॉस के अनुसार, यह क्षेत्र भारतीय और यूरेशियन टेक्टॉनिक प्लेट्स के संगम पर स्थित है, जिससे यहां भूकंप आना सामान्य घटना है। पिछले माह भी अफगानिस्तान में 2 अगस्त को 5.5 तथा 6 अगस्त को 4.2 तीव्रता के भूकंप दर्ज किए गए थे।
विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान भूकंप सतही होने के कारण अधिक विनाशकारी रहा। सतही भूकंप में कंपन तरंगें अधिक शक्ति के साथ सतह पर पहुंचती हैं, जिससे संरचनात्मक क्षति और जनहानि की संभावना बढ़ जाती है।
प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तत्परता से जारी है, जबकि घायलों को निकटवर्ती चिकित्सा केंद्रों में स्थानांतरित किया जा रहा है।