अमरीका ने चीन, म्यांमां और उत्तर कोरिया के कई लोगों और कंपनियों पर व्यापक प्रतिबंध लगा दिये हैं।इन प्रतिबंधों का उद्देश्य संबंधित लोगों की आवाजाही को सीमित करना और कंपनियों को वैश्विक वित्तीय व्यवस्था से दूर रखना है।
कनाडा और ब्रिटेन ने भी म्यांमां में मानवाधिकार हनन को देखते हुए प्रतिबंध लगाए हैं। अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कल मानवाधिकार दिवस पर उत्तर कोरिया और म्यांमां की सैन्य इकाईयों पर प्रतिबंध बढ़ाने की घोषणा की।
अमरीकी वित्त मंत्रालय ने आरोप लगाया कि चेहरे को पहचानने वाली मशीन बनाने वाली चीनी कंपनी सेंसटाइम की तकनीक का उपयोग उईगुरों सहित अन्य संप्रदाय विशेष के लोगों की पहचान के लिए किया जा सकता है, इसलिए अमरीकी निवेशकों पर इस कंपनी में निवेश करने को प्रतिबंधित किया गया है।
अमरीका ने उत्तर कोरिया के कुछ सरकारी कार्यालयों और प्रमुख मंत्रियों के अलावा उत्तर कोरिया में कार्यरत एक रूसी विश्वविद्यालय को भी ब्लैक लिस्ट किया है। आरोप है कि यह रूसी विश्वविद्यालय उत्तर कोरिया से कामगारों को बाहर भेजता था।
अमरीकी विदेश मंत्रालय ने चीन, बेलारूस और श्रीलंका के 12 लोगों के अमरीका में प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी है।