अरुणाचल प्रदेश ने चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। टोमो रिबा इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल साइंसेज (TRIHMS) में एक अत्याधुनिक ड्रोन पोर्ट का उद्घाटन किया गया है, जिससे यह भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां ड्रोन के माध्यम से दवाओं की आपूर्ति की जाएगी।
नाहरलागुन स्थित अस्पताल की छत पर स्थापित इस ड्रोन पोर्ट से दुर्गम क्षेत्रों में आवश्यक चिकित्सा सामग्री त्वरित गति से पहुंचाई जा सकेगी। अरुणाचल प्रदेश का लगभग 80% भूभाग पहाड़ी है, जिसके कारण परंपरागत परिवहन माध्यमों से दवाओं की समयबद्ध आपूर्ति एक बड़ी चुनौती रही है।
यह सुविधा केवल दवाओं तक ही सीमित नहीं है, आपातकालीन स्थितियों में शल्य चिकित्सा के लिए आवश्यक मानव अंगों का परिवहन भी इसके माध्यम से किया जा सकेगा। अरुणाचल प्रदेश अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (APSAC) द्वारा विकसित इस प्रणाली से राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में आमूल परिवर्तन की अपेक्षा है।
अस्पताल के निदेशक डॉ. मोजी जिनी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी. रैना और APSAC के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस परियोजना का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह पहल आपातकालीन स्थितियों में दवाओं, एंटी-वेनम और अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा सामग्री की समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।
यह सुविधा वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (VTOL) तथा शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग (STOL) दोनों प्रकार के ड्रोन के संचालन में सक्षम है। इसके अतिरिक्त, ड्रोन के रखरखाव हेतु आवश्यक बुनियादी संरचना भी स्थापित की गई है।
यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में उत्तर-पूर्वी राज्यों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है, जो इस क्षेत्र के सुदूर स्थानों में भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करेगी।