असम में कथित ‘जिहादी गतिविधियों’ से जुड़े मदरसों को ध्वस्त करने के राज्य सरकार के अभियान की विपक्ष ने कड़ी आलोचना करते हुए इसे ‘पूरी तरह अवैध’ करार दिया और कहा कि ‘एक विशेष समुदाय’ को लक्षित किया गया है।
भाजपा सरकार ने पिछले एक महीने के भीतर राज्य के विभिन्न हिस्सों में तीन मदरसों को उनके शिक्षकों को गिरफ्तार करने के बाद ध्वस्त कर दिया गया। शिक्षकों को कथित तौर पर ‘जिहादी’ गतिविधियों में शामिल होने पर गिरफ्तार किया गया था।
सत्ता पक्ष के केवल राजनीतिक नेता ही मीडिया में आम तौर पर बयान देते हैं कि मदरसों को उनके परिसरों से कथित तौर पर जिहादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ध्वस्त किया गया है।
असम में पिछले साल एक अप्रैल से 610 सरकारी मदरसों को उच्च प्राथमिक, उच्च और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बदल दिया गया था, जिसमें शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की स्थिति, वेतन, भत्ते और सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया गया।
इसके बाद राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड, असम को भंग कर दिया गया और कक्षा-10 के विद्यार्थियों के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, असम द्वारा अंतिम असम उच्च मदरसा परीक्षा वर्ष 2022 में हुई।
वर्तमान में लगभग 1,000 निजी मदरसे हैं, जो ऑल असम तंजीम मदारिस कौमिया के दिशानिर्देशों और पाठ्यक्रम के अनुसार चलाए जा रहे हैं।
माकपा राज्य सचिव सुप्रकाश तालुकदार ने कहा कि उनकी पार्टी पूरी तरह से मदरसों को गिराए जाने के खिलाफ है, क्योंकि एक संदिग्ध की गिरफ्तारी न्याय प्रणाली का अंतिम चरण नहीं है। तालुकदार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार सभी नियमों को तोड़ रही है।