आध्यात्मिक यात्रा होगी और भव्य, यूपी में महाकुंभ के अवसर पर 5 नए कॉरिडोर

महाकुंभ-2025 ने उत्तर प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन की नई संभावनाओं को खोल दिया है। इस महाआयोजन के दौरान, उत्तर प्रदेश सरकार ने पांच प्रमुख आध्यात्मिक कॉरिडोर विकसित किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज दौरे के दौरान पुलिस जवानों, स्वच्छता कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों, नाविकों, मीडियाकर्मियों और परिवहन चालकों एवं परिचालकों को धन्यवाद देते हुए इन कॉरिडोर का उल्लेख किया। इन कॉरिडोर के माध्यम से श्रद्धालु प्रदेशभर में विभिन्न धार्मिक स्थलों की यात्रा आसानी से कर सकेंगे, जिससे आध्यात्मिक पर्यटन को नई गति मिलेगी।

पांच प्रमुख आध्यात्मिक कॉरिडोर हैं:

  1. प्रयाग-विन्ध्याचल-काशी कॉरिडोर: इस कॉरिडोर के माध्यम से श्रद्धालु प्रयागराज से विंध्याचल देवीधाम और फिर काशी (वाराणसी) तक की यात्रा कर सकेंगे। यह मार्ग शक्ति और शिव उपासना का प्रमुख मार्ग होगा।
  2. प्रयागराज-अयोध्या-गोरखपुर कॉरिडोर: यह कॉरिडोर भगवान राम और गोरखनाथ परंपरा से जुड़ा है। श्रद्धालु प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने, लेटे हनुमान, अक्षयवट, सरस्वती कूप के दर्शन कर अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए जा सकेंगे। अयोध्या के बाद, श्रद्धालु गोरखपुर जाकर गोरखनाथ मंदिर में मत्था टेक सकेंगे।
  3. प्रयागराज-लखनऊ-नैमिषारण्य कॉरिडोर: यह मार्ग श्रद्धालुओं को लखनऊ होते हुए नैमिषारण्य धाम तक ले जाएगा। यह हिंदू धर्म के 88 महातीर्थों में से एक है और 88 हजार ऋषियों की तपस्थली के रूप में प्रसिद्ध है।
  4. प्रयागराज-राजापुर (बांदा)-चित्रकूट कॉरिडोर: यह मार्ग भगवान राम के वनवास से जुड़ा है। श्रद्धालु चित्रकूट धाम तक जा सकेंगे, जहां कामदगिरि पर्वत, रामघाट और हनुमान धारा जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं। राजापुर गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली है।
  5. प्रयागराज-मथुरा-वृंदावन-शुकतीर्थ (बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के माध्यम से): इस कॉरिडोर के तहत श्रद्धालु बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के जरिए मथुरा-वृंदावन और फिर शुकतीर्थ तक जा सकेंगे। यह भगवान श्रीकृष्ण और महर्षि शुक्राचार्य की तपस्थली के रूप में प्रसिद्ध है।

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