अदालत ने कहा है कि लाडस्पीकर से अजान देना मौलिक अधिकार नहीं है। इसको लेकर पहले ही कानून पास हो चुका है। जस्टिस विवेक कुमार बिड़ला और जस्टिस विकास बुधवार की खंडपीठ ने इरफान द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उसकी दलीलें खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि अब यह कानून पास हो गया है कि मस्जिद से लाउडस्पीकर का इस्तेमाल मौलिक अधिकार नहीं है। इस तरह से याचिका स्पष्ट रूप से गलत है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों की आवाज परिसर के बाहर नहीं सुनाई जानी चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि धार्मिक स्थलों पर अनुमति के साथ लाउडस्पीकर का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन ध्वनि परिसर से बाहर नहीं आनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि लाउडस्पीकरों के लिए कोई नया परमिट जारी नहीं किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद, राज्य में 17,000 धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर की मात्रा को राज्य के मंदिरों और मस्जिदों सहित सभी धार्मिक स्थलों के लिए निर्धारित मानकों तक कम कर दिया गया था।