निर्वाचन आयोग के अनुसार, बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision- SIR) अभियान की शुरुआत अक्टूबर माह से होने जा रही है। इस महत्वपूर्ण अभियान का प्राथमिक उद्देश्य मतदाता सूची में अधिकतम पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करना है। निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में शीघ्र ही आधिकारिक अधिसूचना जारी किए जाने की संभावना है।
निर्वाचन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “SIR अभियान का लक्ष्य मतदाता सूची में 100% सटीकता प्राप्त करना और पारदर्शिता में वृद्धि करना है। पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशिष्ट दस्तावेज सूची तैयार की जा रही है। यह अभियान बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के माध्यम से प्रत्येक घर तक पहुंचाया जाएगा, जिसमें आवश्यक प्रपत्र भरने और मतदाता विवरण के सत्यापन की प्रक्रिया शामिल होगी।”
उल्लेखनीय है कि इस अभियान के अंतर्गत लगभग 70% मतदाताओं को किसी दस्तावेज की प्रस्तुति करने की आवश्यकता नहीं होगी। बूथ लेवल ऑफिसर पूर्व-भरित प्रपत्र के साथ घरों पर जाएंगे, जिस पर मतदाताओं को केवल हस्ताक्षर करना होगा, जिससे यह प्रक्रिया सरल हो जाएगी। तथापि, शेष 30% मतदाताओं को अपनी पहचान के सत्यापन हेतु निर्धारित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मूलतः मतदाता सूची के व्यापक अद्यतनीकरण की प्रक्रिया है। उत्तर प्रदेश के संदर्भ में, वर्ष 2003 की मतदाता सूची को वर्तमान सूची के साथ समन्वित किया जाएगा। इस प्रक्रिया के दौरान दोहरे पंजीकरण को हटाने तथा पात्र नागरिकों के नाम जोड़ने का कार्य किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बिहार में इसी प्रकार के अभियान के अंतर्गत लाखों मतदाताओं के विवरण का सत्यापन किया गया था, जिसमें मतदाता सूची में कई त्रुटियां प्रकाश में आईं और उनका समाधान किया गया। अब उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में भी इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया का क्रियान्वयन किया जाएगा, जिससे निर्वाचन प्रक्रिया की गुणवत्ता में वृद्धि होने की अपेक्षा है।