भारत के प्रथम गगनयात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) तक ले जाने वाले एक्सिओम-4 मिशन में पुनः विलंब उत्पन्न हुआ है। यह चौथी बार है जब इस महत्वपूर्ण मिशन की प्रक्षेपण तिथि में परिवर्तन किया गया है।
इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस विलंब का कारण स्पष्ट किया है। उनके अनुसार, “इसरो, नासा, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स संयुक्त रूप से आईएसएस के ज्वेज्दा मॉड्यूल में उत्पन्न समस्या का समाधान करने हेतु कार्यरत हैं। सुरक्षा एवं मिशन की अखंडता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
पूर्व निर्धारित तिथि 11 जून 2025 को मिशन स्थगित करने का निर्णय तकनीकी कारणों से लिया गया था। प्रक्षेपण से पूर्व परीक्षण के दौरान फाल्कन-9 रॉकेट के प्रोपल्शन बे में एलओएक्स (तरल ऑक्सीजन) के रिसाव का पता चला था। इस समस्या का निरीक्षण करने के लिए लॉन्च पैड पर 7 सेकंड का हॉट टेस्ट किया गया था।
इस तकनीकी समस्या पर तीनों अंतरिक्ष एजेंसियों के विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत विचार-विमर्श के पश्चात रिसाव को ठीक करने एवं आवश्यक परीक्षण पुनः करने का निर्णय लिया गया।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 29 मई को भी इसी मिशन का प्रक्षेपण निर्धारित था, जिसे भी तकनीकी कारणों से स्थगित करना पड़ा था।
एक्सिओम-4 मिशन के अंतर्गत चार देशों के चार अंतरिक्ष यात्रियों को 14 दिवसीय मिशन पर आईएसएस भेजा जाना है, जिनमें भारत के शुभांशु शुक्ला भी सम्मिलित हैं। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जिसकी सफलता सुनिश्चित करने हेतु सभी आवश्यक सावधानियां बरती जा रही हैं।