दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मोहम्मद खालिद को मणिपुर से गिरफ्तार किया है। उस पर एक लाख का इनाम रखा गया था। पूछताछ में उसने दंगों से पहले अपने घर पर सीक्रेट मीटिंग होने की बात कबूली है। बताया है कि इस मीटिंग में लाठी, लोहे के रॉड वगैरह इकट्ठा करने का फैसला किया गया था।
क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर रवींद्र सिंह यादव ने बताया है, “मोहम्मद खालिद के मणिपुर में छिपे होने की सूचना मिली थी। इस पर कार्रवाई करते हुए उसे भारत-म्यांमार सीमा के पास से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया है कि साल 2020 में दिल्ली के चाँद बाग इलाके में हुए सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शन में वह अपने बड़े भाई मोहम्मद अयाज व अन्य सहयोगियों के साथ शामिल हुआ था। दंगे को लेकर उसके घर पर एक सीक्रेट मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में रास्ता जाम करने के लिए लाठियाँ और लोहे की रॉड जमा करने का फैसला हुआ था।”
इस मामले में पुलिस ने मोहम्मद खालिद के खिलाफ दिल्ली के दयालपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया था। वह बीते 3 साल से फरार चल रहा था। दंगों में उसकी भूमिका और लंबे समय से फरारी के चलते पुलिस ने उस पर 1 लाख रुपए का इनाम भी रखा था। उसके भाई अयाज को इसी साल 21 जून को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अयाज हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।