विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने बांग्लादेश में हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी पर तीखी आपत्ति जताई है। वीएचपी के केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा ने इस घटना को कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक बताया है, जो इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी की हिरासत में अपने भीतर गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन को दर्शाती है। बागड़ा का कहना है कि ऐसी गिरफ्तारियों का उद्देश्य शांतिप्रिय समाज के आवाज को दबाने का प्रयास है।
बागड़ा ने उल्लेख किया कि इस्कॉन और अन्य हिंदू संगठनों ने हमेशा अपने उत्पीड़न के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि इन संगठनों ने अब तक किसी भी प्रकार की हिंसा का जवाब नहीं दिया है, बल्कि अपनी बात को शांति और संविधानिकता के तहत रखा है। इस संदर्भ में उनकी गिरफ्तारी को अलोकतांत्रिक समझा जा रहा है, जो कि मानवाधिकारों का भी उल्लंघन करती है।
वीएचपी के नेता ने यह भी बताया कि वर्तमान घटनाक्रम में वामपंथी और इस्लामिक तत्व मिलकर हिंदू समाज को निशाना बना रहे हैं। बागड़ा ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और वैश्विक संगठनों ने इस स्थिति पर अपेक्षाकृत चिंता नहीं दिखाई है। उनका मानना है कि इस प्रकार की हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए जो कठोर कदम उठाए जाने चाहिए थे, वे लिए जाने में विफल रहे हैं।