देश में चुनावों के माहौल के बीच झारखंड और पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा छापेमारी की गई है, जिससे सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। इस कार्रवाई को कई लोग चुनावों के दौरान सत्ताधारी दलों को निशाना बनाने की राजनीतिक रणनीति मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर कार्रवाई के तौर पर देख रहे हैं।
झारखंड में ईडी ने धन शोधन मामले में राज्य के खनन मंत्री और तमाम अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की, जबकि पश्चिम बंगाल में ईडी ने राज्य के शिक्षा विभाग में घोटाले के आरोपों के चलते कई स्थानों पर कार्रवाई की। इन छापेमारियों के समय चुनाव नजदीक थे और कई लोग इस कार्रवाई को चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास मानते हैं।
इस मामले में एक और आरोप उठा है कि ईडी की इन छापेमारियों का सीधा संबंध बांग्लादेशी घुसपैठियों से है। कुछ आरोपों के अनुसार, राज्य में कई बड़े घोटाले और अपराध बांग्लादेशी घुसपैठियों से जुड़े हुए हैं। इस मुद्दे पर कई राजनीतिक दलों ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं। सत्तारूढ़ दल इसे राजनीतिक बदलाव और चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास मानते हैं, जबकि विपक्ष इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कदम बताता है।