जम्मू के बाहरी क्षेत्र में श्री वेंकटेश्वरा स्वामी मंदिर के लिए आधारशिला और भूमि पूजन

केंद्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर के उप-राज्‍यपाल मनोज सिन्‍हा, केंद्रीय गृह राज्‍यमंत्री जी. किशन रेड्डी और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्‍यमंत्री डॉक्‍टर जितेन्‍द्र सिंह ने आज जम्‍मू के बाहरी क्षेत्र मजीन में श्री वेंकटेश्‍वरा स्‍वामी मंदिर के लिए आधारशिला रखी और भूमि पूजन किया। इस अवसर पर तिरूमला तिरूपति देवस्‍थानम की अध्‍यक्ष वाई वी सुब्‍बा रेड्डी और मंदिर प्रबंधन न्‍यास के बोर्ड के अन्‍य सदस्‍य मौजूद थे।

इस अवसर पर श्री सिन्‍हा ने कहा कि मंदिर के निर्माण से जम्‍मू मंडल में धार्मिक पर्यटन को बढावा मिलेगा। इस मंदिर के साथ ही वैदिक विद्यालय और अस्‍पताल भी बनाया जाएगा। इस मंदिर में वेंकटेश्‍वर स्‍वामी के मुख्‍य मंदिर के साथ ही श्री अंदाल और श्री पद्मावती के भी मंदिर होंगे। यह मंदिर ग्रेनाइट पत्‍थर से बना दक्षिण भारतीय शैली का होगा। मंदिर में तीर्थ यात्रियों के लिए वेद पाठशाला, ध्‍यान केंद्र, कार्यालय, आवास और पार्किंग की व्‍यवस्‍था भी होगी। मंदिर की निर्माण लागत 33 करोड़ 22 लाख रूपये होगी और इसे 18 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में तिरुपति बाला जी मंदिर का निर्माण, क्षेत्र के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के नेतृत्‍व में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी क्षेत्रों का बहु-आयामी विकास हो रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जम्मू में प्रतिष्ठित मंदिर की आधारशिला रखे जाने के बाद जम्मू-कश्मीर का व्यापक विकास होगा। एक सवाल के जवाब में, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति नियंत्रण में है और पिछले दो वर्षों के दौरान कोई बड़ी आतंकवादी घटना नहीं हुई है।

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर की आधारशिला रखने के साथ, जम्मू और कश्मीर में एक नई शुरुआत का मार्ग प्रशस्‍त हुआ है। उन्होंने कहा, इस मंदिर के निर्माण से जम्मू-कश्मीर में विकास और शांति के नए युग का सूत्रपात होगा।

जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक परिषद ने एक अप्रैल को जम्मू में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम को मंदिर निर्माण और अन्य सुविधाओं के विकास के लिए 496 कनाल और 17 मरला भूमि आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यह भूखंड चालीस  वर्षों के लिए लीज पर दिया गया है।

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