केंद्र सरकार ने हाल ही में जीएसटी दरों में व्यापक संशोधन किया है, जिससे कृषि क्षेत्र, सहकारिताओं और ग्रामीण उद्यमों को महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होगा। इस निर्णय से देश के लगभग 10 करोड़ डेयरी किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
दुग्ध उत्पादों पर कर में उल्लेखनीय कमी की गई है। ब्रांडेड और गैर-ब्रांडेड दूध एवं पनीर को पूर्णतः कर-मुक्त कर दिया गया है। मक्खन, घी और अन्य दुग्ध उत्पादों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इसी प्रकार, दूध परिवहन के लिए प्रयुक्त धातु कनस्तरों पर भी कर 12% से घटाकर 5% किया गया है।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण राहत प्रदान की गई है। चीज, नमकीन, मक्खन, पास्ता, जैम, जेली, खमीर, भुजिया और फल-आधारित पेय पदार्थों पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है। चॉकलेट, कॉर्न फ्लेक्स, आइसक्रीम, पेस्ट्री, केक, बिस्किट और कॉफी पर भी कर 18% से घटाकर 5% किया गया है।
कृषि उपकरणों के क्षेत्र में, 1800cc से कम क्षमता वाले ट्रैक्टरों तथा उनके कलपुर्जों पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। पैकेजिंग सामग्री पर भी कर घटाकर 5% किया गया है, जिससे पैकेजिंग और परिवहन लागत में कमी आएगी।
उर्वरक उत्पादन में प्रयुक्त कच्चे माल जैसे अमोनिया, सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। 12 जैविक कीटनाशकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर भी कर 12% से घटाकर 5% किया गया है, जिससे जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा।
मालवाहक वाहनों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया गया है और उनके थर्ड-पार्टी बीमा पर कर 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
ये सुधार न केवल किसानों और सहकारिताओं की आय में वृद्धि करेंगे, बल्कि उपभोक्ताओं को भी आवश्यक खाद्य और दुग्ध उत्पाद अधिक किफायती दरों पर उपलब्ध होंगे।