ट्रंप द्वारा नए आयात शुल्क की घोषणा और इसका भारतीय फार्मा उद्योग पर प्रभाव

0
15

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी फार्मास्यूटिकल्स, किचन कैबिनेट, फर्नीचर और भारी ट्रकों पर महत्वपूर्ण आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है। यह नवीन टैरिफ व्यवस्था 1 अक्टूबर से प्रभावी होगी।

राष्ट्रपति ट्रंप के अनुसार, यह निर्णय अमेरिकी उद्योगों की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों के संरक्षण के उद्देश्य से लिया गया है। विशेष रूप से, विदेशी निर्मित भारी ट्रकों पर 25 प्रतिशत शुल्क आरोपित किया जाएगा।

सबसे अधिक महत्वपूर्ण है फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर प्रस्तावित 100 प्रतिशत शुल्क, हालांकि अमेरिका में उत्पादन सुविधाएं स्थापित करने वाली कंपनियों को छूट प्रदान की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य अमेरिकी दवा उद्योग को सशक्त बनाना और विदेशी आपूर्ति पर निर्भरता को कम करना है।

भारत, जिसे ‘विश्व की फार्मेसी’ के रूप में जाना जाता है, वैश्विक जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति में 20 प्रतिशत और टीकों में 60 प्रतिशत का योगदान देता है। अमेरिका के बाहर सर्वाधिक FDA-अनुमोदित संयंत्र भारत में स्थित हैं।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत ने ₹1.87 लाख करोड़ ($21.7 बिलियन) मूल्य के फार्मास्युटिकल उत्पादों का निर्यात किया, जिसमें अमेरिका सबसे प्रमुख गंतव्य था। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा फार्मास्युटिकल बाजार है, जो भारतीय फार्मा निर्यात का 31 प्रतिशत हिस्सा है।

भारतीय औषधि निर्यात संवर्धन परिषद के अनुसार, भारत ने 2024 में अमेरिका को 3.6 बिलियन डॉलर मूल्य की दवाइयां निर्यात कीं, तथा 2025 की पहली छमाही में ही 3.7 बिलियन डॉलर मूल्य के फार्मास्युटिकल उत्पाद निर्यात किए। इस नीति परिवर्तन से भारतीय फार्मा उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here