सेना ताउते तूफान से प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्यों में लगातार जुटी हुई है। सेना की छह टीमें दीव में राहत कार्य चलाए हुए हैं। 12 घंटे का सफर करके ये टीमें यहां पहुंची थीं। सेना की टीमों ने पूरी रात कार्य करके गिर और दीव के बीच सड़क मार्ग कई जगहों पर गिरे पेड़ों को हटा दिया है। मलबे और बिजली के टूटे खम्बों से नीचे लटके तारों को हटा दिया गया है। सेना की टीमें दीव में कोरोना संक्रमण से प्रभावित लोगों को जरूरी चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति और यातायात को बहाल करने में भी मदद कर रही हैं।
सेना की टीमें अब स्थानीय लोगों के जान-माल को बचाने में प्रशासन की मदद कर रही हैं। हालांकि तेज हवाओं की रफ्तार काफी कम हुई है। तूफान से प्रभावित अन्य स्थानों- बोटाड, अमरेली और भावनगर में राहत कार्यों में मदद के लिए सेना की छह अतिरिक्त टीमें जूनागढ़ भेजी गयी हैं।
समुद्री तूफान ताउते के आने के बाद भारतीय नौसेना भी तलाश और राहत कार्यों में जुटी हुई है। नौसेना ने अब तक एक नौका पी-305 के 177 कर्मचारियों को बचाया है। एक दूसरा समुद्री जहाज गॉल कन्स्ट्रक्टर 137 व्यक्तियों के साथ उत्तरी कोलाबा प्वाइंट के करीब 48 समुद्री मील दूर चली गई थी। आपातकालीन समुद्री जहाज वाटर लिलि और दो अन्य जहाज चालक दल को बचाने के लिए उनके आसपास के क्षेत्रों में हैं।
भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस तलवार ने तेल की तलाश करने वाले एक अन्य पोत सागर भूषण के चालक दल के 101 कर्मचारियों और समुद्री जहाज एसएस-थ्री के 196 कर्मचारियों को निकालने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। तूफान के कारण ये दोनों जहाज इस समय पिपाओ बंदरगाह से करीब 50 समुद्री मील दूर चले गये थे।