अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुधवार को दक्षिण कोरिया पहुंच गए। यहां दक्षिण-पूर्वी शहर ग्योंगजू में हो रहे एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) सम्मेलन में वे भाग लेंगे। सम्मेलन में ट्रंप की मुलाकात दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से होने वाली है। दोनों नेताओं के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति अलग-अलग उच्चस्तरीय शिखर बैठकें करेंगे। यह ट्रंप की दूसरे कार्यकाल की पहली एशिया यात्रा है, जिस पर वैश्विक निगाहें टिकी हैं।
ट्रंप की इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य व्यापार और निवेश से जुड़ी डील्स को आगे बढ़ाना है। बुधवार सुबह उन्होंने टोक्यो से एयरफोर्स वन के जरिए उड़ान भरी और बुसान के गिम्हे इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका और एशियाई देशों के बीच टैरिफ और निवेश को लेकर मतभेद बने हुए हैं।
ग्योंगजू में ट्रंप और ली जे म्युंग की मुलाकात लगभग दो महीनों में दूसरी शिखर वार्ता होगी। दोनों देशों के बीच जिस व्यापार समझौते पर जुलाई में सहमति बनी थी, उस पर इस बैठक में औपचारिक हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। प्रस्तावित समझौते के तहत दक्षिण कोरिया अमेरिका में 350 अरब डॉलर का निवेश करेगा, जबकि अमेरिका बदले में अपने टैरिफ को 25% से घटाकर 15% करने पर विचार कर रहा है। हालांकि, निवेश पैकेज के कुछ तकनीकी खामियों के चलते यह डील अब तक अंतिम रूप नहीं ले पाई है।
गुरुवार को ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बहुप्रतीक्षित बैठक होने वाली है। यह 2019 के बाद दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने की मुलाकात होगी। अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के बीच यह वार्ता बेहद अहम मानी जा रही है। हाल ही में चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात नियंत्रण को सख्त किया है, जिसके जवाब में ट्रंप ने 1 नवंबर से चीनी वस्तुओं पर 100% अतिरिक्त शुल्क लगाने की चेतावनी दी थी। विश्लेषकों का मानना है कि यह बैठक दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने या और बढ़ाने का निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।
इस बीच, ट्रंप की दक्षिण कोरिया यात्रा ने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के साथ संभावित मुलाकात की अटकलों को भी हवा दी है। हालांकि, व्हाइट हाउस या सियोल की ओर से इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। उल्लेखनीय है कि ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में किम से तीन बार मिल चुके हैं — 2018 में सिंगापुर, 2019 में वियतनाम, और उसी वर्ष पनमुनजोम में हुई ऐतिहासिक मुलाकातों के दौरान।
ग्योंगजू में आज से शुरू हो रही एपीईसी बैठक को एशिया क्षेत्र में व्यापारिक संतुलन और रणनीतिक साझेदारी को नए सिरे से परिभाषित करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।











