भारत ने दुबई में सबसे बड़ा विदेशी निवेशक बनने की उपलब्धि हासिल की है, जहाँ उसने वर्ष 2024 में 3.018 अरब डॉलर का निवेश किया, जो 2023 में 589 मिलियन डॉलर था। यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में प्रस्तुत की गई है। भारत, अमेरिका, फ्रांस, और ब्रिटेन जैसे देशों के साथ मिलकर अमीरात में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का प्रमुख स्रोत बना है।
दुबई के अर्थव्यवस्था और पर्यटन विभाग के दुबई FDI मॉनिटर के अनुसार, भारत ने दुबई में अनुमानित कुल FDI में 21.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पहला स्थान प्राप्त किया है। अमेरिका 13.7 प्रतिशत, फ्रांस 11 प्रतिशत, यूनाइटेड किंगडम 10 प्रतिशत और स्विट्जरलैंड 6.9 प्रतिशत के साथ क्रमशः दूसरे से पांचवे स्थान पर रहे हैं।
वर्ष 2024 में ग्रीनफील्ड एफडीआई परियोजनाओं का प्रदर्शन 2023 के समान 73.5 प्रतिशत के स्तर पर रहा, जबकि पुनर्निवेश एफडीआई परियोजनाओं की हिस्सेदारी 1.2 प्रतिशत से बढ़कर 3.3 प्रतिशत हो गई। दुबई में भारतीय एफडीआई परियोजनाओं की संख्या 2023 में 249 से बढ़कर 275 हो गई, जिससे भारत प्रोजेक्ट काउंट रैंकिंग में तीसरे से दूसरे स्थान पर पहुँच गया।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का निवेश मुख्यतः बिजनेस सेवाओं (26.9 प्रतिशत), सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाएं (23.6 प्रतिशत), उपभोक्ता उत्पाद (9.8 प्रतिशत), खाद्य और पेय पदार्थ (8.4 प्रतिशत) और रियल एस्टेट (6.9 प्रतिशत) में केंद्रित रहा। 2024 में दुबई ने कुल 14.24 अरब डॉलर का FDI आकर्षित किया, जो 2023 में 10.69 अरब डॉलर की तुलना में 33.2 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्शाता है। दुबई ने इस वर्ष 1,117 ग्रीनफील्ड एफडीआई परियोजनाओं का रिकॉर्ड भी स्थापित किया, जो इसके इतिहास में सर्वाधिक है।