इसी अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष श्री अलोक कुमार जी ने कहा कि विहिप संतों के मार्गदर्शन पर कार्य करता है। इस बैठक का उद्देश्य कोरोना काल के बाद कार्यकर्ताओं के एकत्र होने से ही पूरा हो गया है। ये शताब्दी हिन्दू शताब्दी है। हम तीन दिन जूनागढ़ में आयोजित हो रही प्रन्यासी मण्डल की इस बैठक में रहकर अपने संकल्प को स्मरण करेंगे।
विहिप 60 वर्ष का हो रहा है। इस अवसर पर हम अपनी कार्यवृद्धि और गुणात्मकता बढ़ाने पर विचार करेंगे। धर्मप्रसार, बजरंगदल, दुर्गावाहिनी के कार्य पर विचार करेंगे। पूरे विश्व के हिन्दुओं की चिंता करने वाली विहिप विश्व समन्वय बढ़ाने का विचार करेगी। उन्होंने कहा कि कुछ पीढ़ियों पहले जो हिन्दू मुसलमान बन गये थे उनके स्वधर्म पर वापस लेने का विशद अभियान करेंगे।
धर्मप्रसार, धर्माचार्य, मठ-मंदिर, अर्चक-पुजारियों व धर्मयात्राओं पर कार्य करने की दिशा में आगे बढ़ेगें। हितचिंतक अभियान में 40-50 लाख हितचिंतक बनायेंगे। समरसता के भाव को समाज में लाने का प्रयास करेंगे। जनजातीय जब धर्मांतरण करता है तो वह अपने सभी देवी-देवता और परम्परायें छोड़ देता है अतः उन्हें आरक्षण नहीं मिलना चाहिए इसका हम प्रयास करेंगे।
इतना ही नहीं तो पर्यावरण रक्षा पर एक व्यापक योजना बनाकर काम करेंगे। इसाइयों ने 350 साल तक अत्याचार किया है, इसको लेकर पोप के भारत आने पर वो क्षमा मांगें व यह घोषणा करें कि सब धर्मों के प्रति आदर रखते हुए भारत में धर्मांतरण बन्द करने की मांग करेंगे। गुरु तेगबहादुर जी ने हिन्दुओं के अस्तित्व को बचाने के लिए अपना बलिदान किया था। अतः उनकी शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार करने के लिए देशभर में कार्यक्रम करेंगे, सम्मेलन करेंगे।