प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी लोकतांत्रिक देशों का आह्वान किया है कि वे क्रिप्टो-करेंसी के मुद्दे पर संगठित रूप से कार्य करें। उन्होंने कहा कि इसका संचालन गलत हाथों में जाने पर युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो सकता है। श्री मोदी ने कहा कि लोकतंत्र और डिजिटल क्षेत्र में अग्रणी होने के नाते भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समृद्धि और सुरक्षा के लिए अपने सभी सहयोगियों के साथ काम करने को तैयार है।
सिडनी संवाद को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत की डिजिटल क्रांति उसकी लोकतांत्रिक व्यवस्था, जनसांख्यिकी और आर्थिक समृद्धि से पल्लवित हुई। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं की नवाचार और उद्यमशीलता ने इसको सशक्त बनाया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डिजिटल युग ने हमारी जीवन शैली को बदल दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक प्रतियोगिता और भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने के लिए टेक्नोलॉजी एक बहुत बडा जरिया बन गया है। यह भी कहा कि टेक्नोलॉजी और डेटा अब नये हथियार बनते जा रहे हैं। लोकतंत्र की सबसे बडी ताकत इसका खुलापन है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें कुछ निहित स्वार्थी तत्वों को इस खुलेपन का दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत भविष्य के निर्माण के लिए पूर्व की चुनौतियों को अवसर के रूप में बदल रहा है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत दुनिया में कॉरपोरेट जगत को साइबर सुरक्षा समाधान और सेवाएं उपलब्ध कराने का पहले से ही एक बहुत बडा केन्द्र है और सरकार ने भारत को साइबर सुरक्षा का वैश्विक केन्द्र बनाने के लिए एक कार्यबल का गठन किया है।