उत्तर प्रदेश सरकार ने चैत्र नवरात्रि के आगमन से पूर्व एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस पर्व के दौरान धार्मिक स्थलों के 500 मीटर के क्षेत्र में मांस की बिक्री और अवैध बूचड़खानों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया गया है। नवरात्रि 30 मार्च से प्रारंभ हो रही है, और सरकार का उद्देश्य धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना है, जिससे त्योहार के दौरान विवाद की स्थितियों को टाला जा सके।
इसके अतिरिक्त, 6 अप्रैल को राम नवमी के अवसर पर राज्य भर में पशु वध और मांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा। सरकार ने पूर्व के आदेशों, अर्थात् 2014 और 2017 के दिशानिर्देशों का उल्लेख करते हुए कहा कि धार्मिक स्थलों के निकट अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस आदेश के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जिला स्तर पर समितियों का गठन किया गया है, जिसमें पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पशुपालन, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।
अधिकारियों को सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें सभी जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस कमिश्नर और नगर आयुक्त शामिल हैं। नियमों के उल्लंघन के विरुद्ध यूपी म्युनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 1959 और फूड सेफ्टी एक्ट 2006-2011 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। सरकार का स्पष्ट कहना है कि नवरात्रि के समय धार्मिक संवेदनाओं का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है।
मुंबई में भी नवरात्रि से पूर्व एक नेता ने सड़क किनारे मांस, मछली और शॉर्मा की दुकानों को बंद करने की मांग की है, क्योंकि उनके अनुसार, ऐसे में हिंदू भक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। हालाँकि, रेस्तरां में नॉन-वेज परोसने की अनुमति रहेगी, जिससे त्योहारों के दौरान धार्मिक संवेदनाओं को ध्यान में रखकर ये मांगें की जा रही हैं।