पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने जम्मू-कश्मीर के पर्यटन उद्योग को गंभीर चुनौतियों के सामने खड़ा कर दिया है। हाल के दिनों में, बड़ी संख्या में पर्यटकों द्वारा अपनी बुकिंग रद्द किए जाने के कारण होटल, रेस्तरां और यात्रा संबंधित व्यवसाय महत्वपूर्ण आर्थिक दबाव का सामना कर रहे हैं।
भद्रवाह, जिसे ‘छोटा कश्मीर’ के नाम से जाना जाता है, विशेष रूप से इस संकट से प्रभावित हुआ है। स्थानीय होटल व्यवसायी अजय शर्मा ने इस परिस्थिति की गंभीरता को रेखांकित किया है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में पर्यटन गतिविधियां पूरी तरह ठप हो गई हैं।
क्षेत्र के आर्थिक परिदृश्य पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। वर्तमान में, 100 से अधिक होटल कार्यरत हैं और 50 नए होटल निर्माणाधीन हैं। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियां इन निवेशों की दीर्घकालिक व्यवहार्यता पर सवाल उठा रही हैं।
स्थानीय व्यवसायियों ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनका मुख्य सुझाव सुरक्षा प्रोटोकॉल (एसओपी) लागू करना और पर्यटकों को सुरक्षित यात्रा की गारंटी देना है। वे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि केवल सुरक्षा सुनिश्चित करने से ही पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित किया जा सकता है।
यह संकट केवल होटल उद्योग तक सीमित नहीं है, बल्कि परिवहन, खुदरा व्यापार और स्थानीय अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों को भी प्रभावित कर रहा है। सैकड़ों कर्मचारी और संबंधित व्यवसाय इस संकट से जूझ रहे हैं।
अंतिम विश्लेषण में, पहलगाम हमले ने जम्मू-कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र के समक्ष गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। त्वरित और प्रभावी नीतिगत हस्तक्षेप ही इस क्षेत्र को पुनर्जीवित कर सकते हैं।