प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में जम्मू-कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में गुपकार गठबंधन में शामिल नेशनल कांफ्रेंस के नेता डॉक्टर फारूख अब्दुला और उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती, गृहमंत्री अमित शाह, जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू कश्मीर भाजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रविन्द्र रैना और पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन शामिल हुए।
पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 की कई उपधाराओं को खत्म करने के केन्द्र के फैसले के बाद कश्मीर के नेताओं के साथ सरकार की यह पहली बैठक थी। बैठक से पहले फारूख़ अब्दुल्ला ने श्रीनगर में बताया कि वे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के सामने अपना पक्ष रखेंगे। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि बैठक से उनकी चिंताओं का कोई स्थायी समाधान निकलेगा। उन्होंने कहा कि बातचीत से सभी मुद्दों का समाधान निकाला जा सकता है।
इस बीच निर्वाचन आयोग ने कल केन्द्रशासित प्रदेश के नब्बे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के संबंध में जम्मू-कश्मीर के अपने प्रतिनिधियों और वहां के उपायुक्तों के साथ वर्चुअल माध्यम से विचार विमर्श किया।