प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज डिजिटल भुगतान के लिए नकदी रहित और स्पर्श-मुक्त व्यवस्था ई-रुपी की वीडियो कांफ्रेंसिंग से शुरूआत की।
ई-रूपी किसी व्यक्ति के लिए विशिष्ट उद्देश्य से संबंधित डिजिटल भुगतान व्यवस्था है जिसमें क्यू.आर.कोड. और एस.एम.एस. स्ट्रिंग बेस्ड वाउचर हैं जिन्हें लाभार्थी के मोबाइल के लिए दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत एक लाख 35 हजार करोड रूपये किसानों के खाते में डाले गये हैं, इसी तरह गेहूं की सरकारी खरीद के लिए 85 हजार करोड रुपये दिए गए।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इनसे सबसे बडा फायदा यह हुआ कि एक लाख 78 हजार करोड रुपये गलत हाथों में जाने से बच गए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-रूपी एक भावी सुधार है जिसे ऐसे समय शुरू किया गया है जब देश ‘भारत की आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-रूपी के वाउचर, विशिष्ट उद्देश्य के लिए हैं और ये सुनिश्चित करेंगे कि वाउचर का लाभ विशिष्ट सेवा के लिए प्राप्त किया गया है।
भारत, विश्व को डिजिटल क्रांति का नेतृत्व करने की अपनी क्षमता भी प्रदर्शित कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक माह यू.पी.आई. के माध्यम से लेन-देन का नया रिकार्ड बन रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जुलाई में भारत में तीन सौ करोड रूपये से अधिक की राशि के लेन-देन किए गए।