प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने हेतु कैलगरी पहुंचे हैं। कनाडा में रहने वाले भारतीय समुदाय ने इस यात्रा को दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार का अवसर बताया है।
व्यवसायी हार्दिक पंड्या के अनुसार, “कनाडा सरकार द्वारा दिया गया यह निमंत्रण सराहनीय है। पिछले दशक में दोनों देशों के संबंधों में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी आई है और कनाडा के लिए बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ सहयोग आवश्यक है।”
कैलगरी विश्वविद्यालय की सीनेट सदस्य निधि लोढ़ा ने इसे एक सकारात्मक कदम बताते हुए कहा, “यह भारत और कनाडा के बीच संबंधों को पुनर्जीवित करने में सहायक होगा, जो अब तक लगभग स्थगित थे।”
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अभय लोढ़ा ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों का उल्लेख किया, विशेष रूप से गैस कनेक्शन और शौचालय निर्माण के क्षेत्र में।
सेवानिवृत्त प्रोफेसर ब्रिज मैनी ने आर्थिक विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा, “पिछले दस वर्षों से भारत की जीडीपी वृद्धि दर 5 प्रतिशत से अधिक रही है। नए प्रधानमंत्री कार्नी भारत के साथ संबंधों को सुधारने में रुचि रखते हैं।”
प्रोफेसर अनिल मनोहरा के अनुसार, “दोनों देशों को आमने-सामने बैठकर सभी मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए, क्योंकि मनमुटाव से कोई परिणाम नहीं निकलता।”
व्यवसायी रितेश मलिक ने इस यात्रा को दोनों देशों के बीच रिश्तों को पुनर्निर्मित करने का गंभीर प्रयास बताया। उन्होंने पिछले पंद्रह वर्षों में पहली बार उच्चायुक्त या महावाणिज्यदूत की अनुपस्थिति का उल्लेख किया।
कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन ने बताया कि अधिकांश कनाडाई नागरिक मोदी विरोधी प्रदर्शनों से भ्रमित हैं और खालिस्तानी आंदोलन का प्रभाव 2023 की तुलना में अब कम हुआ है।