प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाओस की दो दिवसीय यात्रा के बाद आज (शुक्रवार) दिल्ली लौट आए, इस दौरान उन्होंने 21वें आसियान-भारत और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया। प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा को फलदायी बताया और कहा कि यह आसियान के साथ संबंधों को मजबूत रखने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “धन्यवाद लाओ पीडीआर! आसियान के साथ संबंधों को मजबूत बनाए रखने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप, यह एक उपयोगी यात्रा रही। हम साथ मिलकर क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सतत विकास की दिशा में काम करना जारी रखेंगे।” पीएम मोदी ने अपनी पूरी यात्रा का एक संक्षिप्त वीडियो भी अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर साझा किया है।
उल्लेखनीय है, इस साल भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक दशक पूरा होने जा रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पीएम मोदी की इस यात्रा के बाद अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “भारत की एक्ट ईस्ट नीति को मजबूत करना, आसियान-भारत संबंधों को प्रगाढ़ करना और भारत के हिंद-प्रशांत नजरिये को मजबूती प्रदान करने के अलावा लाओ पीडीआर के साथ सदियों पुराने संबंधों को समृद्ध करना प्रधानमंत्री की यात्रा का मुख्य मकसद था।
प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) के नेताओं के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा करने और आपसी सहयोग की भविष्य की दिशा तय करने के लिए शामिल हुए। पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि की चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान किया। भारत लाओ पीडीआर सहित इस क्षेत्र के साथ घनिष्ठ सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध साझा करता है, जो बौद्ध धर्म और रामायण की साझा विरासत से समृद्ध है।