महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को मुंबई में पूर्व कार्नैक ब्रिज का नया नामकरण ‘सिंदूर ब्रिज’ के रूप में करते हुए इसका औपचारिक उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह के पश्चात मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराना कार्नैक ब्रिज जीर्ण अवस्था में था, जिसके कारण इसे ध्वस्त करके नए पुल का निर्माण किया गया।
फडणवीस ने नामकरण के पीछे के कारणों पर प्रकाश डालते हुए स्पष्ट किया कि यह निर्णय ब्रिटिश औपनिवेशिक इतिहास से संबंधित चिन्हों को मिटाने की राष्ट्रीय नीति का हिस्सा है। उन्होंने बताया कि कार्नैक एक ऐसे ब्रिटिश गवर्नर थे, जिन्होंने भारतीयों पर अत्याचार किए थे, विशेषकर सतारा के प्रताप सिंह राजे और नागपुर के उद्धव राजे को षड्यंत्रों में फंसाने का प्रयास किया था।
‘सिंदूर’ नाम के चयन के पीछे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का महत्व है, जिसके अंतर्गत भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सफल कार्रवाई की थी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के अमृतकाल में औपनिवेशिक प्रतीकों को हटाकर राष्ट्रीय गौरव से जुड़े नामों को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
यह पुल दक्षिण मुंबई के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों को जोड़ता है और पहले इसका नाम जेम्स रिवेट कार्नैक के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने 1839 से 1841 तक बंबई प्रांत के गवर्नर के रूप में कार्य किया था। पुनर्नामकरण की यह पहल राष्ट्रीय स्वाभिमान और ऐतिहासिक स्मृतियों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करती है।