प्रमुख बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पत्र प्रेषित कर पाकिस्तान के साथ संबंधों पर पुनर्विचार का आह्वान किया है। उन्होंने पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर की प्रस्तावित अमेरिकी यात्रा के संदर्भ में यह पत्र लिखा है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघनों में संलिप्त हैं, जिनमें 40,000 से अधिक बलूच नागरिकों का बलात् अपहरण शामिल है। मीर ने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि वे जनरल मुनीर से प्रश्न करें कि पाकिस्तान किस कानूनी या नैतिक आधार पर बलूचिस्तान की प्राकृतिक संपदा पर अपना दावा करता है।
बलूच कार्यकर्ता ने स्पष्ट किया कि बलूचिस्तान एक प्राचीन संप्रभु राष्ट्र है, जो वर्तमान में पाकिस्तान और ईरान के अवैध नियंत्रण में है। प्राकृतिक संसाधनों और रणनीतिक स्थिति से समृद्ध होने के बावजूद, यह क्षेत्र दमनकारी शासन से पीड़ित है।
मीर ने आलोचना की है कि 9/11 के पश्चात अमेरिका ने पाकिस्तान पर विश्वास करके गंभीर भूल की, जबकि पाकिस्तान ने सदैव द्विमुखी नीति अपनाई है। उन्होंने उल्लेख किया कि पाकिस्तान आईएसआईएस और दाएश जैसे आतंकवादी संगठनों को प्रशिक्षण देने में सक्रिय है, जो वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है।
पत्र में ट्रंप प्रशासन से निर्वासित बलूच नेतृत्व, विशेषकर हिर्बयार मरी और फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट के प्रतिनिधियों के साथ सीधा संवाद स्थापित करने का आग्रह किया गया है। मीर यार बलूच ने बलूचिस्तान को मान्यता और समर्थन देने का आह्वान करते हुए पत्र का समापन किया है।