ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों ने शुक्रवार को ‘हिंदू स्टूडेंट्स ऑफ ढाका यूनिवर्सिटी’ और ‘बांग्लादेश यूनाइटेड सनातनी अवेकनिंग अलायंस’ के बैनर तले प्रदर्शन किया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, छात्रों ने एक सहपाठी की सोशल मीडिया पर हिंदू धर्म और एक देवता के बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ विरोध किया। आरोपी छात्र ने कई बार ऐसी टिप्पणियाँ की हैं।
छात्रों ने मांग की कि आरोपी को निलंबित किया जाए और उसे कड़ी सजा दी जाए। उन्होंने भविष्य में सनातन धर्म की गलत व्याख्या को रोकने के लिए संस्थागत उपाय करने की अपील की। ‘द डेली स्टार’ के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने शिक्षकों को साहित्यिक विश्लेषण कक्षाओं के दौरान हिंदू धर्म की गलत व्याख्या करने से रोकने और यूनिवर्सिटी के ‘ढाका बिस्सोबिद्दलॉय शिक्षार्थी संसद’ फेसबुक ग्रुप पर अल्पसंख्यकों को लक्षित करने वाली अपमानजनक पोस्टों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, कुछ प्रदर्शनकारियों ने अपने धार्मिक मूल्यों का सम्मान न करने की शिकायत की और सवाल उठाया कि अल्पसंख्यक धर्मों का अपमान होने पर सरकार क्यों कोई कदम नहीं उठाती।
बांग्लादेश में विभिन्न संगठनों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद हिंदुओं को निशाना बनाकर की गई हिंसा की निंदा की है। ऐन ओ सलिश केंद्र (एएसके) की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में हिंदू समुदाय के 408 घरों, 113 व्यापारिक प्रतिष्ठानों, 32 मंदिरों और अहमदिया मस्जिदों पर हमले और 92 मंदिरों में मूर्तियों को तोड़ने की घटनाएं हुई हैं। मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने और पर्याप्त सुरक्षा न देने का आरोप लगाया जाता है।