बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर तैयारियाँ निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नवनिर्वाचित विधायक कल पटना में एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे, जिसमें एनडीए विधायक दल का नेता चुना जाएगा। गठबंधन के पांच घटक दलों—भाजपा, जेडीयू, लोजपा (रामविलास), हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के कुल 202 विधायक इस बैठक में मौजूद रहेंगे।
राजनीतिक संकेत साफ हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक बार फिर एनडीए विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। इसके बाद गठबंधन राज्यपाल के पास जाकर नई सरकार बनाने का दावा पेश करेगा।
एनडीए की बैठक से पहले भाजपा और जनता दल यूनाइटेड कल अपने-अपने स्तर पर विधायक दल की बैठकें करेंगे, जिनमें वे अपने विधानमंडल दल के नेता का चुनाव करेंगे। यह कदम सरकार गठन की औपचारिकताओं का हिस्सा है।
एनडीए के दो प्रमुख घटक दल—भाजपा और जेडीयू—के बीच नए मंत्रिमंडल का आकार, विभागों का वितरण और सहयोगी दलों के हिस्से पर बातचीत जारी है। अंतिम निर्णय के लिए जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) दिल्ली पहुंचे हैं, जहाँ वे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे।
पटना के प्रतिष्ठित गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी हैं। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और एनडीए के वरिष्ठ नेता शामिल हो सकते हैं। इसे बिहार की नई सरकार के लिए एक बड़ा राजनीतिक मंच माना जा रहा है।
राज्य मंत्रिमंडल ने 17वीं विधानसभा को 19 नवंबर से भंग करने की सिफारिश कर दी है। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल ही राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेंगे, जिसके बाद वे औपचारिक रूप से नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
बिहार की राजनीति इस समय बेहद सक्रिय है और एनडीए की भारी जीत के बाद सत्ता का नया स्वरूप तय होने वाला है। अगले 24 घंटे राज्य की राजनीतिक दिशा निर्धारित करेंगे।











