वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि सरकार ने कोविड महामारी के बाद अर्थव्यवस्था की बहाली के लिए पूंजीगत व्यय का रास्ता अपनाया है। लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारामन ने कहा कि यह बजट इस पृष्ठभूमि के साथ पेश किया जा रहा है कि भारत महामारी से बाहर आ रहा है और बहाली का रास्ता भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि समस्याओं का सामना करने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट में सरकार ने राजकोषीय सीमा में भारत की विकास अनिवार्यताओं को संतुलित करने का प्रयास किया है। सीतारामन ने कहा कि इन उपायों को करने से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक छह प्रतिशत से नीचे आ गया। उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था को बहुत आकर्षक बनाया गया है। वित्तमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 के लिए कृषि ऋण लक्ष्य भी बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
उन्होंने खाद्य सब्सिडी में कटौती के विपक्ष के आरोप को बेबुनियाद बताया। सीतारामन ने कहा कि खाद्य सब्सिडी को लगभग दोगुना कर एक लाख 97 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए उर्वरक सब्सिडी को बढ़ाकर दो लाख 25 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है।