भारत, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन-ओईसीडी और जी-20 देशों के समूह के कॉरपोरेट कर की दर से जुड़े वैश्विक समझौते में शामिल हो गया है। वित्तमंत्रालय की प्रेस विज्ञाप्ति के अनुसार ओईसीडी के सदस्यों और जी-20 देशों ने एक उच्च स्तरीय बयान दिया है जिसमें अर्थव्यवस्था की डीजिटलीकरण से उत्पन्न कर संबद्ध चुनौतियों का सर्वसहमति से निकले हल की रुपरेखा शामिल है।
शुरु में वैश्विक न्यूनतम कर का प्रस्ताव अमेरीका ने प्रस्तुत किया था। कल ओईसीडी और जी-20 देशों ने भी इसे अपना लिया है। विश्वभर में अलग-अलग देशों में कर से जुड़े नियमों में अंतर का गलत फायदा उठाने वाली विशाल बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही कर से बचने की रणनीति को विफल करने के लिए सब देश मिलकर इस बात पर तैयार हुए हैं।
वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 90 प्रतिशत से अधिक हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग एक सौ 30 देशों ने 15 प्रतिशत के न्यूनतम वैश्विक कॉरपोरेट कर की दर को स्वीकृति दे दी है। इन देशों ने ऐमेजॉन और गूगल जैसी विशाल डीजिटल कंपनियों समेत बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लाभ और कर के ज्यादा उचित आवंटन पर भी सहमति दी है। हालांकि इन कंपनियों पर कर की न्यूनतम दर पर सहमति न देने वाले चंद देशों में हंगरी और आयरलैंड शामिल हैं।