भारत को ‘गजवा-ए-हिन्द’ बनाने के सपने पालने से बाज आएं ओवैसी जैसे भड़काऊ भाईजान: सुरेन्द्र जैन

गुजरात सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुछ दोषियों को सजा में छूट देने को ओवैसी ने जिस प्रकार मुसलमानों को भड़काने के लिए उपयोग किया है वह घोर निंदनीय है। विहिप के संयुक्त महामंत्री डा सुरेन्द्र जैन ने कहा कि गुजरात सरकार ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार ही यह निर्णय लिया है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश में हजारों कैदियों को इस प्रकार की छूट दी गई है जिनमें मुसलमान भी शामिल है। क्या गुजरात के इन कैदियों का अपराध यही है कि वे गुजरात के हिंदू है? ओवैसी जैसे नेता मुस्लिम समाज को भड़काने का कोई मौका नहीं चूकते। रजाकारों के मानस पुत्रों से शांति, सौहार्द और सहअस्तित्व की अपेक्षा भी नहीं की जा सकती।

डा जैन ने कहा कि इन जैसे नेताओं के भड़काऊ भाषणों और बयानों का ही परिणाम है कि वे तिरंगा यात्रा जैसे महान आयोजनों पर भी हमला करते हैं और तिरंगे में चांद तारा लगाने का देश विरोधी अपराध करते हैं। इन लोगों के जहरीले बोलो का ही परिणाम है कि देश में “सर तन से जुदा” गैंग तेजी से सक्रिय हो गया है। इन लोगों ने कई हिंदुओं की निर्मम हत्या की है और पचासियों हिंदुओं को जान से मारने की धमकी भी दी है, यहां तक कि तिरंगा बांटने पर भी जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

कट्टरपंथी मुस्लिम नेताओं और मौलवियों के इरादों का पर्दाफाश इसी बात से हो जाता है जब वे हिंदुओं के बर्बर हत्या कांड उनकी हल्के-फुल्के शब्दों में निंदा तो करते हैं परंतु हत्याओं को गैर इस्लामी कहने वाले इन लोगों में से किसी ने इन बर्बर हत्यारों के विरुद्ध फतवा जारी करके इन्हें इस्लाम से बाहर नहीं किया। इसके विपरित कई मुस्लिम संस्थाएं इनको आर्थिक और कानूनी सहायता देने के तुरंत तत्पर हो जाते हैं। इसका अर्थ यही है कि इनकी निंदा करके वे देश को केवल धोखा देते हैं। वास्तविकता यही है कि देश में निर्मित इस नफरत भरी बर्बर हिंसा के लिए ये नेता और मौलवी ही जिम्मेदार हैं।

विहिप नेता ने चेतावनी दी कि ये 1946 से पूर्व की स्थिति निर्माण करना चाहते हैं और हिंसा का वातावरण बनाकर देश के विकास को अवरुद्ध करना चाहते हैं। इनको समर्थन देने वाले वामपंथी, कांग्रेसी व सैकुलर गैंग को समझना चाहिए कि जिहादी दानव को भड़काना तो आसान है परंतु वे इन पर नियंत्रण नहीं कर पाएंगे। विहिप इन नेताओं से अपील करती है कि चंद तत्कालिक राजनीतिक स्वार्थों के कारण वे देश में इस सांप्रदायिक हिंसा की आग को भड़काने का अक्षम्य अपराध ना करें।

मुस्लिम समाज को ध्यान रखना चाहिए कि वे भारत में जो सम्मान, अधिकार और सुविधा प्राप्त कर रहे हैं वो किसी भी मुस्लिम देश के मुस्लिम नागरिकों को भी उपलब्ध नहीं है। डा जैन ने पूछा कि वे जन्नत को “गजवा ए हिंद” के असंभव सपने के माध्यम से जहन्नुम बनाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? ओवैसी जैसे जिन्ना के नए अवतारों की जगह राष्ट्रभक्त नेतृत्व को उन्हें स्थापित करना चाहिए और देश के विकास का अनुकूल वातावरण बनाने में सहयोग करना चाहिए। देश का विकास होगा तो उनका भी होगा। नफरत व हिंसा फैलाने वाले विकास नहीं अपने विनाश के मार्ग पर ही चलते हैं।

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