अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत त्वरित भुगतान क्षेत्र में विश्व नेता के रूप में उभरा है। जून 2023 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से 18.39 अरब लेनदेन के जरिए 24.03 लाख करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक है।
वर्तमान में, भारत के सभी डिजिटल लेनदेन में यूपीआई की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत है, जबकि वैश्विक स्तर पर समस्त रियल-टाइम डिजिटल भुगतानों में इसकी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत है। यूपीआई प्रतिदिन 64 करोड़ से अधिक लेनदेन संभालता है, जो वीजा जैसे वैश्विक प्रमुख भुगतान प्लेटफॉर्म की दैनिक क्षमता (63.9 करोड़) से भी अधिक है।
मात्र नौ वर्षों में यूपीआई ने यह उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। वर्तमान में यह प्लेटफॉर्म 49.1 करोड़ उपयोगकर्ताओं, 6.5 करोड़ व्यापारियों और 675 बैंकों को एकीकृत करता है। इसने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देकर ग्रामीण और छोटे शहरों के निवासियों को डिजिटल वित्तीय सेवाओं तक सुगम पहुंच प्रदान की है।
आईएमएफ का मानना है कि भारत की यह सफलता दीर्घकालिक डिजिटल आधारभूत निवेश और समावेशी विकास हेतु प्रौद्योगिकी के रणनीतिक उपयोग का परिणाम है।
यूपीआई का प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विस्तारित हो रहा है। यह संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस में पहले से ही कार्यरत है। फ्रांस में इसकी शुरुआत यूरोपीय बाजार में प्रवेश का सूचक है।
भारत ब्रिक्स समूह में भी यूपीआई को भुगतान मानक के रूप में अपनाने की वकालत कर रहा है। यदि स्वीकृत हुआ, तो यह अंतरराष्ट्रीय भुगतानों को अधिक कुशल, किफायती और सुरक्षित बनाएगा, जिससे वैश्विक डिजिटल नेतृत्वकर्ता के रूप में भारत की स्थिति और सुदृढ़ होगी।