भारत में बनी कैंसर रोधी दवा अब चीन में भी बेची जाएगी। भारत की डॉक्टर रेड्डीज लैब और चीन की स्थानीय कम्पनियों ने हाल ही में इस से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए। चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिश्री ने ट्विटर पर यह जानकारी दी।
चीन में कैंसर रोधी दवाई की अत्यधिक मांग है क्योंकि वहां कैंसर के कारण मृत्युदर बहुत अधिक है। दुनियाभर में पिछले साल कैंसर से मारे गए लोगों में से तीस प्रतिशत केवल चीन के थे।
भारत और चीन के बीच 2018 में समझौता हुआ था जिसके तहत चीन ने भारत से कैंसर रोधी दवाओं के आयात पर शुल्क घटाने पर सहमति व्यक्त की थी।
यह खबर ऐसे समय आई है जब दोनों देशों के बीच व्यापार निरंतर बढ रहा है। सितम्बर के आखिर तक दोनों देशों के बीच व्यापार 90 अरब 37 करोड डॉलर तक पहुंच गया।
चीन ने भारत को 68 अरब 46 करोड़ डॉलर का निर्यात किया जबकि भारत से 21 अरब 91 करोड़ डॉलर का निर्यात हुआ। चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा चिंता का प्रमुख कारण बना हुआ है जो 46 अरब 55 करोड़ डॉलर का हो गया है और वर्ष के आखिर तक इसके और भी बढ़ने की आशंका है।