भूकंप पीड़ितों की सहायता को भारत का ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’, भेजी विशेषज्ञों की टीम

भारत ने म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत मानवीय सहायता बढ़ा दी है। इस अभियान के तहत भारतीय इंजीनियरों की एक टीम ने मांडले और राजधानी नेपीडॉ में भूकंप से प्रभावित इलाकों का जायजा लिया। भारत से गई एक मेडिकल टीम ने नैपिडॉ के एक अस्पताल में 70 घायलों का इलाज किया, जिसमें एक हड्डी रोग विशेषज्ञ भी शामिल था।

भारतीय दूतावास, यांगून ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत इंजीनियरिंग टीम ने मांडले में छह और नेपीडॉ में छह प्रभावित स्थलों का निरीक्षण किया। मेडिकल दल के ऑर्थोपेडिक सर्जन ने नेपीडॉ अस्पताल में 70 घायलों के इलाज में सहायता की।

म्यांमार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मो आंग ने भारतीय राजदूत अभय ठाकुर से मुलाकात की और भारत की त्वरित सहायता के लिए धन्यवाद दिया। दोनों ने सुरक्षा और द्विपक्षीय सहयोग पर भी चर्चा की। म्यांमार के प्रधानमंत्री और राज्य प्रशासन परिषद के चेयरमैन सीनियर जनरल मिन आंग हलाइंग ने भारत के फील्ड अस्पताल का दौरा किया, जहां अब तक 800 से अधिक मरीजों का इलाज किया जा चुका है।

म्यांमार में 28 मार्च को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया, जिसके तहत सर्च और रेस्क्यू, राहत सामग्री और मेडिकल सहायता प्रदान की जा रही है। भारत ने इस अभियान में अब तक 6 विमान और 5 नौसैनिक जहाजों के जरिए 625 टन राहत सामग्री भेजी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा पर दुख व्यक्त किया और मिन आंग हलाइंग को भारत की संवेदनाएं और सहायता का भरोसा दिया। 4 अप्रैल को बैंकॉक में बिम्सटेक सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। 5 अप्रैल को भारत ने आईएनएस घड़ियाल के जरिए 442 टन अतिरिक्त खाद्य सामग्री म्यांमार भेजी, जिसे थिलावा पोर्ट पर म्यांमार के यांगून के मुख्यमंत्री यू सो थेइन को सौंपा गया।

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