यमुना नदी में बाढ़ का खतरा: दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अलर्ट जारी

सिंचाई विभाग के अनुसार हथिनीकुंड बैराज से मंगलवार प्रातः लगभग 3,29,313 क्यूसेक जल प्रवाहित किया गया है। यह जल आगामी 24-30 घंटों में दिल्ली, गाजियाबाद एवं गौतमबुद्धनगर पहुंचने की संभावना है। अधिकारियों का अनुमान है कि 2 सितंबर की संध्या तक यमुना का जलस्तर सामान्य से अत्यधिक ऊपर जा सकता है।

प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निवास करने वाले नागरिकों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित होने का आग्रह किया है। विशेषकर नदी तटीय एवं निम्न क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को अधिक जोखिम का सामना करना पड़ सकता है। प्रशासन का उद्देश्य जन-धन एवं पशु हानि से बचाव सुनिश्चित करना है।

बाढ़ प्रबंधन हेतु गाजियाबाद एवं दिल्ली प्रशासन ने आवश्यक तैयारियां आरंभ कर दी हैं। जिला प्रशासन की टीमें ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चला रही हैं। राहत एवं बचाव दलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जलस्तर में तीव्र वृद्धि होने पर प्रभावित लोगों का अविलंब पुनर्वास किया जाएगा।

बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर शाहदरा जिला मजिस्ट्रेट ने ओल्ड रेलवे ब्रिज (लोहे का पुल) पर परिचालन निलंबित करने के निर्देश जारी किए हैं। रेलवे प्राधिकरण ने मंगलवार सायं 5 बजे से पुल पर रेल यातायात रोकने का निर्णय लिया है। यात्रियों की सुविधा हेतु ट्रेनों को वैकल्पिक मार्गों से संचालित किया जाएगा। नई दिल्ली एवं पुरानी दिल्ली स्टेशनों पर नियमित सूचना प्रसारण किया जाएगा।

प्रत्येक वर्ष मानसून काल में यमुना का जलस्तर दिल्ली-एनसीआर के निचले क्षेत्रों के लिए संकट उत्पन्न करता है। वर्तमान परिस्थितियों में सभी संबंधित एजेंसियां सतर्कता बनाए रखते हुए आवश्यक कार्यवाही कर रही हैं।

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