श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने देश को दिवालिया घोषित कर दिया है क्योंकि यह ईंधन संकट और भोजन की कमी का सामना कर रहा है।
विक्रमसिंघे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि देश को इस हालत में पहुंचाने के लिए पिछली सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि देश के पास न तो डॉलर है और न ही रूपया तथा देश में स्थिरता का माहौल नहीं हैं। देश में ईंधन की कीमत में वृद्धि हो रही है।
इस बीच श्रीलंका के केंद्रीय बैंक गवर्नर ने कल कहा कि ईंधन और रसोई गैस के भुगतान के लिए विदेशी मुद्रा हासिल कर ली गई है। हालांकि श्रीलंका के अधिकांश पेट्रोल पंप सूख गए हैं।
बता दें कि, किसी भी देश को दिवालिया तब घोषित किया जाता है जब वहां की सरकार दूसरे देशों या अंतरराष्ट्रीय संगठनों से लिया गया उधार या उसकी किस्त समय पर नहीं चुका पाती। ऐसी स्थिति में देश की प्रतिष्ठा, मुद्रा और उसकी अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचता है।