कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा को हरियाणा लैंड स्कैम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को पुनः समन किया है। ईडी इस मामले में वित्तीय अनियमितताओं की गहराई से जांच कर रही है।
मामले का विवरण देते हुए, मंगलवार को भी ईडी ने वाड्रा से कई घंटे तक पूछताछ की थी। यह मामला वर्ष 2018 से संबंधित है, जब तौरू निवासी सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर 1 सितंबर 2018 को गुरुग्राम के खेरकी दौला थाने में मामला दर्ज किया गया था।
रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी पर धोखाधड़ी का आरोप है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वाड्रा ने अन्य लोगों के साथ मिलकर अनियमितताएं की। इस संदर्भ में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को भी आरोपी बनाया गया है। मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120, 467, 468 और 471 के तहत पंजीकृत किया गया था, जिसमें बाद में धारा 423 के तहत नए आरोप जोड़े गए थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वाड्रा की कंपनी पर आरोप है कि उसने फरवरी 2008 में गुड़गांव के शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदी थी। इसके पश्चात, कमर्शियल लाइसेंस प्राप्त करने के बाद, उसी संपत्ति को डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेचा गया था। इस लेनदेन की पारदर्शिता और वित्तीय प्रक्रियाओं की वैधता पर प्रमाणीकरण हेतु ईडी द्वारा जांच की जा रही है।
ईडी की ओर से वाड्रा को दी गई पूछताछ का उद्देश्य संभावित मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं की पड़ताल करना और इस मामलों में शामिल सभी पक्षों की भूमिका को स्पष्ट करना है। यह जांच प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण चरण है जो स्थिति के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डालता है।