दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए भीषण कार विस्फोट मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने एक और अहम गिरफ्तारी की है। आतंकवादी नेटवर्क से जुड़े कश्मीर निवासी जसीर बिलाल वानी को श्रीनगर से पकड़ा गया है। इस हमले में 10 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 25 लोग घायल हुए थे।
एनआईए की शुरुआती जांच में सामने आया है कि वानी इस आतंकी हमले का मुख्य सहयोगी और साजिशकर्ता रहा है। एजेंसी के अनुसार, उसने हमले को अंजाम देने के लिए तकनीकी सहायता मुहैया कराई थी। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि वानी ने विस्फोट से पहले ड्रोन में बदलाव किए थे और रॉकेट तैयार करने का प्रयास भी किया था, जो उसके तकनीकी कौशल और हमले में उसकी गहरी भूमिका को दर्शाता है।
सूत्रों के मुताबिक, जसीर वानी ने इस हमले की योजना आतंकी उमर नबी के साथ मिलकर बनाई थी। उमर नबी इस मॉड्यूल का प्रमुख संचालक माना जा रहा है, और दोनों मिलकर राजधानी में बड़े पैमाने पर दहशत फैलाना चाहते थे।
एनआईए अब इस मामले की गहन जांच में जुट गई है और हमले के पीछे काम कर रहे पूरे मॉड्यूल को बेनकाब करने की दिशा में लगातार छापेमारी कर रही है। एजेंसी की कई टीमें विभिन्न राज्यों में जाकर तलाशी अभियान चला रही हैं, ताकि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य आतंकियों और सपोर्ट सिस्टम की पहचान की जा सके।
जांच एजेंसी इस हमले को एक संगठित आतंकी साजिश मान रही है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इसके पीछे कौन-कौन से विदेशी या स्थानीय मॉड्यूल सक्रिय थे। वानी की गिरफ्तारी के बाद NIA को हमले में इस्तेमाल तकनीक, हथियारों के निर्माण और धन के स्रोत को लेकर कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।
एजेंसी का मानना है कि आरोपी जसीर वानी की गिरफ्तारी इस केस में बड़ी प्रगति है और इससे इस घातक हमले के पूरे प्लान का पर्दाफाश करने में मदद मिलेगी।











